कंप्यूटर जो कि मनुष्य द्वारा निर्मित एक ऐसा यंत्र है, जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया। Computer शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द compute से हुई है।
जिसका अर्थ है। गणना अथवा गिनती करना। कंप्यूटर कम समय में अच्छी तरीके के साथ आंकड़ों की गणना तथा उन्हें व्यवस्थित व नियंत्रित भी कर सकता है।
सही शब्दों में कहे, तो कंप्यूटर असीम परियोजनो वाला एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। जो सभी आंकड़ों पर कार्य करके अर्थ के साथ सूचनाएं प्रदान करता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म
- C – Commonly
- O – operated
- M – machine
- P – particularly
- U – used
- T – technical
- E – educational
- R – research
कंप्यूटर का आविष्कार
वैसे तो कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज को माना जाता है। उन्होंने 19वीं शताब्दी में कंप्यूटर का आविष्कार किया था। यह एक प्रसिद्ध मैथामेटिक्स प्रोफेसर थे।
लेकिन यह कहना सही नहीं है। कि कंप्यूटर का आविष्कार किसी एक ने किया हैं। क्योंकि कंप्यूटर कोई एकल उपकरण नहीं है। इसके बहुत सारे हिस्से हैं । जो अलग-अलग लोगों ने बनाया है।
कंप्यूटर का इतिहास
हालांकि आधुनिक कंप्यूटर को अस्तित्व में आए हुए मुश्किल से 50 वर्ष ही हुए हैं। लेकिन इसके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कंप्यूटर का जो रूप हम आज देख रहे हैं।
वह हजारों वर्षों की वैज्ञानिक खोज का फल है। पुराने समय में मनुष्य अपने पशुओं की गणना अपने आसपास की वस्तुओं जैसे पत्थर, हड्डी, उंगलियों, आदि की सहायता से किया करते थे।
धीरे-धीरे उन्होंने दूसरे तरीके से गणना करना सीख लिया। जैसे जोड़ना,घटाना और गुणा करना आदि। गणनाओ की मात्रा और जटिलता अस्तित्व में आया और बाद में कई यंत्रों का निर्माण किया गया।
1.गिनतारा(abacus).
गिनतारा विश्व का सर्वप्रथम गणना करने वाली मशीन है। इसमें लकड़ी का एक फ्रेम होता है। इस फ्रेम के दो भाग होते हैं।
ऊपर का भाग छोटा होता है। जिसे हेवन कहते हैं। तथा नीचे का भाग बड़ा होता है। जिसे अर्थ कहते हैं।
इस पूरे फ्रेम में कई लोहे की छड़े होती हैं। जिसमें मोतिया डली होती हैं। हेवन की छड़ों में केवल दो मोतिया होती हैं। और अर्थ के क्षणों में पांच मोतिया होती हैं। हेवन के दोनों मोती 5 के गणनाक होते हैं।
जबकि अर्थ के पांचों मोती 11 गणनाक के होते हैं। लकड़ी के फ्रेम में जुड़ी छड़ी बाएं से दाएं इकाई दहाई सैकड़ा और हजार सिखाती है।
2.नेपियर बोंस(Napier’s Bones)
इसका आविष्कार जॉन नेपियर (John napier) ने किया था। जो कि एक गणितज्ञ थे। उन्होंने गणना करने का एक नया यंत्र बनाया। जो 11 छड़ों से मिलकर बना था। यह छड़े हड्डियों से बनाई गई थी।
3.स्लाइड रूल (slide rule)
सन 1620 में जर्मनी के गणितज्ञ विलियम आटरेड ने स्लाइड रूल नामक एक ऐसी वस्तु का आविष्कार किया। जो लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणना कर सकती थी। जिसे उन्होंने स्लाइड रूल नाम दिया।
4.पास्कल का गणना यंत्र(Pascal’s calculator)
सन 1642 में पास्कल ने विश्व का सर्वप्रथम केलकुलेटर बनाया। जिसे पास्कलीन या पास्कल की गणना करने वाली मशीन के नाम से जाना गया। यह मशीन ना केवल जोड़ व घटाने के काम आती थी। बल्कि गुणा वा भाग भी आसानी से कर सकती थी।
5.जैकार्डस लूम(Jacquard’s loom)
जोसेफ मेरी जैकार्ड फ्रांसीसी कपड़ा निर्माता थे। उन्होंने कपड़ा बुनते समय एक सा डिजाइन बनाने के लिए एक स्वचालित विधि की खोज की। करघे की सूइयों को नियंत्रित करने के लिए जैकार्ड ने पंच कार्ड का प्रयोग किया।
इस तकनीक से लोगों को विश्वास हो गया कि पंच कार्ड मैं सूचनाएं भी संचित की जा सकती हैं। इस प्रकार पंच कार्ड तकनीक का जन्म हुआ।
बहुत से लोगों नेे इसी प्रकार बहुत सारे कंप्यूटर का निर्माण किया। अंत में एक कंप्यूटर का निर्माण हुआ जिसका नाम मार्क प्रथम रखा गया।
सन् 1930 तक आईबीएम ने जितने कंप्यूटर बनाएं वे स्वयं चलने वाले नहीं थे।
सन 1940 में हावर्ड आईकैन ने विश्व का सर्वप्रथम संचालित कंप्यूटर बनाया। जिसका नाम मार्क 1 रखा गया। यह कंप्यूटर न केवल आकार में बड़ा था।बल्कि इसकी गति भी पुराने कंप्यूटरों से काफी अधिक थी। यह 5 सेकंड में 10 अंकों वाली संख्याओं की आपस में गुणा कर सकता था।
कंप्यूटर कैसे काम करता है?
कंप्यूटर जो की दो चीजों से मिलकर बना है, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर। कंप्यूटर तीन चीजों के जरिए कार्य करता है, 1.इनपुट 2.प्रोसेस 3.आउटपुट।
कंप्यूटर सबसे पहले इनपुट डिवाइस के जरिए डाटा प्राप्त करता है। जो डाटा हम लोग उसे देते हैं। फिर कंप्यूटर डाटा को प्रोसेसर के माध्यम से प्रोसेस करता है।
प्रोसेस करने के बाद कंप्यूटर उस डाटा को कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस के जरिए आपके पास वापस भेज देता है।
कंप्यूटर के पार्ट्स
क. कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस।
कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस के अंतर्गत बहुत से पार्ट्स आते हैं।
1. कीबोर्ड( keyboard)
कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है, यह कुंजियों की सहायता से चलता है। यह टाइपराइटर की तरह कार्य करता है
2. माउस(mouse)
यह एक पाइटिंग डिवाइस है। इसे माउस पैड पर रखकर हाथों की सहायता से चलाते हैं। इसमें दो बटन होते हैं।
लेफ्ट और राइट यह एक लंबे वायर के थ्रू हमारे कंप्यूटर से जुड़ा होता है हालांकि अब वायरलेस माउस भी आने लगे हैं।
लाइट पेन(light pen)
लाइट पेन भी एक पॉइंटिंग डिवाइस है। लाइट पेन ईमेल और मैसेज लिखने में काम आता है।
3. जॉयस्टिक(joy stick)
कंप्यूटर में गेम खेलने के लिए इस इनपुट डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। इसकी सहायता से आप कंप्यूटर में गेम खेल सकते हैं।
4. स्कैनर(scanner)
स्केनर एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है। यह कंप्यूटर में सूचनाओं को भेजने में सक्षम है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यूजर को सूचना लिखनी नहीं पड़ती है।
ख. कंप्यूटर के आउटपुट पार्ट्स।
1.मॉनिटर(monitor)
मॉनिटर देखने में एक टेलीविजन (TV) के समान लगता है। मॉनिटर का साइज 9″12″ 14″ 15″ 17″ 19 तथा 21 इंच का होता है। मॉनिटर की स्क्रीन फास्फोरस कोटिंग से बनी होती है। यही स्क्रीन प्रमाण प्रदर्शित करती है।
2. स्पीकर(speaker)
कंप्यूटर द्वारा दिए गए निर्देशों की आवाज जैसे गाने आदि की ध्वनि सही से हम तक पहुंचाते हैं। यह तार के जरिए कंप्यूटर से से जुड़े होते हैं। हालांकि अब ब्लूटूथ स्पीकर्स भी आ चुके हैं।
3. प्लॉटर(plotter)
प्लॉटर भी एक आउटपुट डिवाइस इसका प्रयोग बड़ी और अच्छी किस्म की कला कागज पर छापने के लिए किया जाता है।
ये प्लॉटर कीमत में महंगे होते हैं। इनके द्वारा रंगीन चित्र कागज पर छापी जाती है। प्लॉटर हमारे लिए केवल सीमित आकार के चित्र को प्रिंट कर सकते हैं।
4. प्रिंटर(printer)
प्रिंटर परिणामों को कागज पर प्रिंट करने वाली एक प्रसिद्ध आउटपुट डिवाइस है। यह सभी अक्षरों को समान रूप से प्रिंट करता है।
इसका उपयोग ज्यादातर मोबाइल शॉप वाले करते हैं। इसमें एक तरफ से सादे कागज को डाला जाता है। तथा दूसरी तरफ अक्षरों से छपी हुई कागज निकलती है।
अंत के शब्द
आज हमने कंप्यूटर के बारे में अच्छे से जाना। हमने जाना कि कंप्यूटर क्या होता है, कंप्यूटर कैसे काम करता है, कंप्यूटर को किसने बनाया और बहुत सी जानकारी। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें बता सकते है।